'कोरोना'लॉकडाउन ४ , श्रमिको के लिए कहा है रोजगार? : खोज रचनात्मक समाधान की


'कोरोना'लॉकडाउन ४  

श्रमिको के लिए कहा है रोजगार? :

खोज रचनात्मक समाधान की 


१.  भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार
२.  घरेलू कामगारों

1.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार
कोरोना आपत्ति के चलते असंगठित क्षेत्र और अनौपचारिक क्षेत्र के ९३ % कामगारों को ध्यान में रखते हुए उन्हें आर्थिक बदहाली से बहार निकालने रचनात्मक समाधान की आवश्यकता है। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित प्रवासी कामगार शामिल हैं । नीचे दिए गए आंकड़े इकोनॉमिक सर्वे ऑफ इंडिया (इकोनॉमिक सर्वे ऑफ इंडियाइंडिया ऑन द मूव एंड चर्निंग : न्यू एविडन्स,  पन्ना नं.२५६में प्रकाशित किए गए हैं।
 कुल श्रमिक संख्या  48.2 करोड़ (482 मिलियन) 
प्रवासी श्रमिक संख्या 5.1 करोड़ (51 मिलियन)

भारत सरकार की आधिकारिक इन्वेस्ट इंडिया वेबसाइट द्वारा दिए गए अनुमान के अनुसार निर्माण क्षेत्र में 5.1 करोड़ श्रमिक हैं। भारत के वित्त मंत्री द्वारा बताया गया है कि साढ़े तीन करोड़ पंजीकृत निर्माण कामगार हैं। इसका मतलब है कि डेढ़ करोड़ निर्माण श्रमिक अपंजीकृत हैं। ये डेढ़ करोड़ श्रमिक किसी भी  भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार  कल्याण  मंडल में पंजीकृत नहीं है।
अब तक,भवन और अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण उपकर के रूप में लगभग 52,000 करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैंजिनमे से लगभग 31,000 करोड़ रुपये का उपयोग नहीं  किया गया है।  
  • कृपया भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण मंडल और महात्मा गांधी  राष्ट्रीय  ग्रामीण रोजगार  गारंटी  अधिनियम  ( मनरेगा /MNREGA ) योजना के बीच संबंध और इस  लेख  में  प्रदान  किए  गए  रचनात्मकसमाधान  को  समझने  के  लिए  निम्नलिखित लिंक  पर  क्लिक  करें  
(http://citucentre.org/component/k2/114-note-on-welfare-benefits-to-mgnrega-workers-under-building-and-other-construction-workers-recs-act)
इसी पोस्ट विषय से सम्बंधित एक व्यापक इंग्लिश लेख आप इस लिंक पर पढ़ सकते है क्लिक करे

उपरोक्त तथ्यों पर विचार करते हुए मेरी राय में पहला रचनात्मक समाधान यह है-

  •  प्रवासी श्रमिक अपने गांवों में वापस जा रहे हैं।
  •  अधिकांश प्रवासी श्रमिक निर्माण श्रमिक हैं
  •  मनरेगा में स्थानीय स्तर पर पंजीकरण प्राधिकरण है
  •  प्रवासी निर्माण श्रमिकों को अपने गांवों में मनरेगा में पंजीकृत   होना चाहिए।
  •  मांग के 15 दिनों के भीतर काम नहीं मिलने पर मनरेगा के तहत उन्हें बेरोजगारी भत्ता मिलता है।मनरेगा श्रमिक, जिन्होंने पिछले बारह महीने के भीतर निर्माण कार्य के 90 दिन पूरे कर लिए हैं, वे भी भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण मंडल में  पंजीकृत होने के लिए पात्र हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ रही है।  
  • प्रवासी श्रमिक अपने गांवों में वापस जा रहे हैं इससे रोजगार के  लिए  गांवों पर दबाव बढ़ेगा 
  • समाधान: आज के स्वास्थ्य-आपातकालीन  परिस्थिति में, विभिन्न कल्याणकारी मंडलो  में पंजीकृत  पात्रता की कुछ शर्तों को एक विशिष्ट अवधि के लिए शिथिल करने से अधिक व्यापक और समावेशी बनाया जा सकता है। निर्माण कार्य के 90 दिनों की उपर्युक्त पात्रता यदि निर्माण कार्य के 30 दिन -50 दिनों तक कम हो जाती है तो अधिक मनरेगा मजदूर  निर्माण  श्रमिक  कल्याण मंडल में पंजीकृत हो सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं।
  • इससे क्या होगा ?
  • मनरेगा की रोजी/वेतन  ये न्यूनतम  वेतन से कम होती है मनरेगा वेतन ये मनरेगा अधिनियम के तहत नियमित की जाती है। 
  • यदि वे मनरेगा में पंजीकृत है और वो मनरेगा में  निर्माण कार्य में पंजीकरण के लिए आवश्यक काल  के लिए काम करते है तो निर्माण  श्रमिक  कल्याण मंडल में पंजीकृत हो सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं। जहा निधि भरपूर है परन्तु पंजीकृत श्रमिक नहीं है। 
  • तात्पर्य मनरेगा और भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार  कल्याण  मंडल इसमें  पंजीकृत  पात्रता की कुछ शर्तों को एक विशिष्ट अवधि के लिए शिथिल करने से अधिक व्यापक और समावेशी बनाया जा सकता है। ऐसा करने से मनरेगा की निधि कमी को भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार  कल्याण  मंडल दूर कर सकता है और  भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार  कल्याण  मंडल में पंजीकृत श्रमिकों की कमी को मनरेगा पूरी करेगा।  
  • शासन अधिकार दे ग्राम सेवक / ग्रामसचीव को  ग्राम सेवक / ग्रामसचीव ( सरकार की अधिसूचना के तहत उन्हे ९० दिन निर्माण कार्य प्रमाणपत्र मनरेगा श्रमिकों को निर्गमित करने का अधिकार दिया गया है।) को  विशेष रूप से प्रवासी निर्माण श्रमिकों के लिए एक प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार शासन ने देना चाहिए, कि प्रवासी श्रमिक एक निर्माण श्रमिक है और स्व-घोषणा के अनुसार पात्र दिनों के लिए निर्माण क्षेत्र में काम किया  है।  या
  • ग्राम सेवक / सचीव को विशेष रूप से इन प्रवासी श्रमिकों के लिए निर्माण क्षेत्र में पात्र कालावधि के लिए काम करने की शर्त से छूट का प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार  दिया जाये। प्रवासी श्रमिकों का एक बहोत बड़ा हिस्सा निर्माण श्रमिक हैं  ये ध्यान में रखते हुए और सारी प्रक्रिया में सुलभता लाने और शीघ्र-गति से प्रवासी श्रमिकों का पंजीकरण भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार  कल्याण  मंडल में कराने हेतु कार्य प्रमाणपत्र शर्त से छूट देना भी एक पर्याय हो सकता है. 
प्रवासी श्रमिकों के लिए एक विशेष समय के लिए उपरोक्त छूट के कारण अन्य संनिर्माण कर्मकारों पर भी सकारात्मक   प्लवन प्रभाव पड़ेगा (इस बदलाव का फायदा मिलेगा) । यह प्रमाणपत्र छूट खनन और उत्खनन क्षेत्र के प्रवासी श्रमिकों (पत्थर को काटने, इसे तोड़ने और पत्थर को कुचलने के लिए मान्यता प्राप्त प्रकार के संनिर्माण के अंतर्गत आते हैं) को भी पंजीकरण में  मदद करेगी।कृषि और संबद्ध क्षेत्र में प्रवासी श्रमिक हमेशा गैर-कृषि मौसम में अल्पावधि निर्माण कार्य करते है , और जल आपूर्ति, सीवरेज और अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र के प्रवासी श्रमिक (गटर और प्लंबिंग कार्य संनिर्माण के अंतर्गत आते हैं) इनका भी पंजीकरण भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार  कल्याण  मंडल में हो सकेगा। 
  • नोट: संनिर्माण में महाराष्ट्र राज्य में मान्यता प्राप्त कार्यों के प्रकार जानने के लिए  कृपया अंत में देखें।
  • भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्य के अर्थ के अंतर्गत सूची में मान्यता प्राप्त कार्यों की परिभाषा इतनी व्यापक परिभाषा है की महाराष्ट्र में ५३ विविध मान्यता प्राप्त कार्यों के प्रकार की सूचि दी गयी है। भवन या अन्य संनिर्माण कार्य" इतना व्यापक है कि इसमें पांच करोड़ से कई अधिक निर्माण और अन्य संनिर्माण श्रमिकों को शामिल कि जाने की क्षमता है,क्यों कि निर्माण और अन्य संनिर्माण कार्य का स्वरुप  कई संबंधित गतिविधियों को छूती है जो अन्य क्षेत्रों के परिसीमा में आती है, जिसका ऊपर के परिच्छेद में उदाहरण दिया है । यदि सभी श्रमिक जो मान्यता प्राप्त संनिर्माण प्रकार के कार्य कर रहे हैं वे पंजीकृत हो जाते हैं, तब निर्माण क्षेत्र श्रमिकों की संख्या में कई गुना वृद्धि होगी और संकट के इस समय में अधिक से अधिक श्रमिकों को लाभ होगा। इसके अलावा, अगर मनरेगा में जो  सक्रिय  पंजीकृत श्रमिक (११.६७ करोड़ श्रमिक) उनमे जो भवन  और  अन्य  संनिर्माण कार्य  श्रमिक कल्याण मंडल में पंजीकृत होने पात्र है वो पंजीकृत हो जाते हैं तो श्रमिक कल्याण मंडल में  उन सभी श्रमिकों को लाभान्वित करने की क्षमता है। 

2.घरेलू कामगारों
सबसे उपेक्षित और आर्थिक रूप से कमजोर घरेलू कामगारों के लिए दूसरा रचनात्मक समाधान। ILO की वेबसाइट "घरेलू काम के बारे में" शीर्षक के तहत कुछ जानकारी प्रदर्शित करती है जिसे नीचे उद्धृत किया गया है-

"आधिकारिक आंकड़े भारत में नियोजित संख्याओं को 4.75 मिलियन, (जिनमें से 3 मिलियन महिलाएँ हैं) के रूप में रखते हैं, लेकिन इसे गंभीर रूप से कम करके आंका जाता है और सच्ची संख्या 20 मिलियन से 80 मिलियन श्रमिकों के बीच अधिक होती है"


ILO की वेबसाइट के लिए यहां क्लिक करें


महाराष्ट्र राज्य में घरेलू श्रमिक कल्याण मंडल अधिनियम के तहत स्थापन किया गया है और घरेलू श्रमिकों का पंजीकरण किया है और कुछ सामाजिक सुरक्षा कल्याण योजनाएं प्रदान की हैं। इस मंडल के पास बहुत कम निधि उपलब्ध है। यदि स्वास्थ्य आपात्काल  उपकर कुछ समय लगाया जाये और 
एक नगण्य दर राशि निश्चित कर  सरकारी कर्मचारियों और निजी कर्मचारियों से एकत्र किया जाए  तो  इन असंगठित घरेलू कामगारों को कुछ राहत प्रदान की जा सकती है जो उपेक्षित,आर्थिक दृष्टी से  कमजोर असंघटित श्रमिक हैं।
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(निर्माण और अन्य निर्माण कार्य) काम के मान्यता प्राप्त प्रकारों की सूची
"निर्माण और अन्य निर्माण कार्य भवन निर्माण, प्रतिस्थापन, मरम्मत, रखरखाव या नष्ट करने का कार्य है।"

1. इमारतें,


2. सड़कों,


3. सड़कें,


4. रेलवे,


5. ट्रामवेज,


6. एयरफील्ड,


7. सिंचाई,


8. ड्रेनेज,


9. तटबंध और नेविगेशन वर्क्स,


10. बाढ़ नियंत्रण वर्क्स (तूफान जल ड्रेनेज वर्क्स सहित),


11. बिजली का उत्पादन


12. पारेषण और वितरण,


13. वाटर वर्क्स (पानी के वितरण के लिए चैनल सहित),


14. तेल और गैस प्रतिष्ठान,


15. इलेक्ट्रिक लाइन्स,


16. वायरलेस,


17. रेडियो,


18. टेलीविजन,


19. टेलीफोन,


20. टेलीग्राफ और प्रवासी संचार,


21. बांध,


22. नहरें,


23. जलाशय,


24. वाटरकोर्स,


25. सुरंग,


26. पुल,


27. विडक्ट्स,


28. एक्वा नलिकाएं,


29. पाइपलाइन,


30. टावर्स,


31. कूलिंग टावर्स,


32. ट्रांसमिशन टावर्स और ऐसे अन्य कार्य,


33. पत्थर को काटना, उसे तोड़ना और पत्थर को बारीक से कुचल देना।


34. टाइल्स या टाइल्स को काटना और चमकाना।


35. पेंट, वार्निश, आदि के साथ बढ़ईगीरी।


36. नाली और नलसाजी काम करता है।


37. बिजली के काम जिसमें वायरिंग, वितरण, टेंशनिंग आदि शामिल हैं।


38. आग बुझाने वालों की स्थापना और मरम्मत।)


39. एयर कंडीशनिंग उपकरणों की स्थापना और मरम्मत।


40. स्वचालित लिफ्टों की स्थापना, आदि।


41. सुरक्षा द्वार और उपकरणों की स्थापना।


42. लोहे या धातु के ग्रिल, खिड़कियों, दरवाजों की तैयारी और स्थापना।


43. सिंचाई बुनियादी ढांचे का निर्माण।


44. बढ़ईगीरी, आभासी छत, प्रकाश व्यवस्था, प्लास्टर ऑफ पेरिस सहित आंतरिक कार्य (सजावटी सहित)।


45. कांच काटना, कांच को पलटना और कांच के पैनल स्थापित करना।)


46. ​​ईंटों, छतों आदि को तैयार करना, फैक्ट्रीज़ एक्ट, 1948 के तहत शामिल नहीं है।


47. ऊर्जा-कुशल उपकरण जैसे सौर पैनल आदि की स्थापना।


48. खाना पकाने जैसे स्थानों में उपयोग के लिए मॉड्यूलर इकाइयों की स्थापना।


49. सीमेंट कंक्रीट सामग्री आदि की तैयारी और स्थापना,


50. स्विमिंग पूल, गोल्फ कोर्स, आदि सहित खेल या मनोरंजक सुविधाओं का निर्माण।


51. सूचना पैनल, सड़क फर्नीचर, यात्री आश्रय या बस स्टेशन, सिग्नल सिस्टम का निर्माण या निर्माण।


52. रोटरी का निर्माण, फव्वारे की स्थापना, आदि।


सार्वजनिक पार्कों, फुटपाथों, सुरम्य इलाके आदि का निर्माण।



53. सार्वजनिक पार्कों, फुटपाथों, सुरम्य इलाक़ों आदि का निर्माण।



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